मित्रों,
आज मैने पहली बार इण्टरनेट की दुनिया में ब्लॉग के माध्यम से कदम रखा है। साहित्यिक पत्रिका वचन के सम्पादक एवं महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा की हिन्दी त्रैमासिक बहुवचन के सह-संपादक के रूप में हिन्दी की सेवा में लगा हूँ। अब इस तकनीकी क्रान्ति के काल में स्वयं को अन्तर्जाल पर प्रस्तुत करने की मेरी कोशिश आपके सक्रिय सहयोग से पुष्पित पल्लवित होगी।
(प्रकाश त्रिपाठी)
Sunday, August 23, 2009
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4 comments:
प्रिय प्रकाश जी,
ब्लॉगजगत में आपका हार्दिक स्वागत है। आप प्रिण्ट माध्यम के हिन्दीसेवी हैं। साहित्यिक पत्रिकाओं के सम्पादन और प्रकाशन से जुड़े हैं। हिन्दी ब्लॉगजगत में बहुत कुछ लिखा-पढ़ा जा रहा है। आप इस दुनिया से परिचित होंगे और पारम्परिक मुख्य धारा के साहित्य से इसे जोड़ेंगे तो कुछ नयी जमीन तैयार होगी। असीम शुभकामनाएं।
खुशामदीद।
यह सीखना बहुत आवश्यक था, देर आयद दुरुस्त आयद।
अब देखती हूँ कि सम्पर्क में अड़चन के बहाने कैसे बनाते हो!!
मै आप से कैसे भाग सक्ता हू।
(प्रकाश)
आप मेरा धन्यवाद स्वीकार करें।
(प्रकाश त्रिपाठी)
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